1857 ईसवी की महान क्रांति
1857 ईसवी की महान क्रांति:- 29 मार्च 18 से 57 ईसवी को मंगल पांडे नामक एक सैनिक ने बैरकपुर में गाय की चर्बी मिले कारतूसों को मुंह से काटने से स्पष्ट मना कर दिया था, फलस्वरुप उसे गिरफ्तार कर 8 अप्रैल 1857 ईसवी को फांसी दे दी गई मंगल पांडे का संबंध 34वा बंगाल नेटिव इन्फैंट्री से था|
10 मई, 1857 ईसवी के दिन मेरठ की पैदल टुकड़ी 20 N.I. से 1857 ईसवी की क्रांति की शुरुआत हुई|
नोट:-
1857 ईसवी में क्रांति के समय भारत का गवर्नर जनरल लॉर्ड कैनिंग इंग्लैंड के प्रधानमंत्री पार्मस्टेन (लिबरल) थे|
1857 ईसवी की क्रांति के बारे में इतिहासकारों का मत:-
मत इतिहासकार
1- यह भारत का प्रथम स्वतंत्रता - बी. डी. सावरकर
संग्राम था
2- यह राष्ट्रीय विद्रोह था - डिजरायली
3- यह पूर्णतया सिपाही विद्रोह था. - सर जॉन लॉरेंस एवं सिले
4- यह अंग्रेजो के विरुद्ध हिंदू क्यों
मुसलमानों का षड्यंत्र था - जेम्स आउट्रम , डब्ल्यू टेलर
5- बर्बरता तथा सभ्यता के बीच युद्ध था -)- टी. आर होम्स
6-यह धर्मांध का ईसाइयों के विरुद्ध युद्ध था-एल. ई.आर .रीज
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